श्री गुरु ग्रंथ साहिब सिख धर्म का पवित्र ग्रंथ है, जिसमें ईश्वर की महिमा, मानव जीवन के उद्देश्य और मोक्ष के मार्ग का विस्तृत वर्णन है। इस ग्रंथ में गुरु नानक देव जी और अन्य सिख गुरुओं की शिक्षाओं के साथ-साथ संत कबीर जी की वाणियाँ भी शामिल हैं, जो ईश्वर के साकार रूप और उनके सही ज्ञान के महत्व को उजागर करती हैं।
श्री गुरु ग्रंथ साहिब में ईश्वर को केवल एक निराकार शक्ति के रूप में नहीं, बल्कि एक साकार, रूपधारी भगवान के रूप में वर्णित किया गया है। गुरु नानक देव जी ने इस साकार रूप का वर्णन 'मलार मेहला 1' में पृष्ठ 1257 पर किया है। इस वाणी में गुरु नानक देव जी ने ईश्वर के चेहरे, नाक, सुंदर बाल और उनकी आकर्षक चाल का वर्णन किया है। यह स्पष्ट करता है कि ईश्वर साकार हैं और उनका एक सुंदर रूप है। ईश्वर का यह साकार रूप हमें उनके करीब लाता है और उनके प्रति भक्ति और प्रेम को और भी गहरा करता है।
श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अनुसार, मानव जीवन का मुख्य उद्देश्य ईश्वर का नाम जपना और 'सचखंड' प्राप्त करना है। 'सचखंड' वह स्थान है जहाँ आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है और वह ईश्वर के साथ मिल जाती है। इसके लिए सही मंत्रों का जप करना अनिवार्य है। केवल सच्चे मंत्रों के माध्यम से ही व्यक्ति ईश्वर की कृपा प्राप्त कर सकता है और अपने जीवन का उद्देश्य पूरा कर सकता है। गुरु नानक देव जी ने स्वयं भी अपने जीवन में सही मंत्रों का जप करके मोक्ष प्राप्त किया था।
श्री गुरु ग्रंथ साहिब में यह भी वर्णित है कि संपूर्ण ईश्वर कबीर साहेब हैं, जो वाराणसी में एक संत के रूप में प्रकट हुए थे। कबीर जी ने संत के रूप में अपने जीवन में ज्ञान और सत्य का प्रचार किया, लेकिन वास्तव में वे स्वयं ईश्वर थे। गुरु नानक देव जी ने भी कबीर साहेब को संपूर्ण ईश्वर के रूप में स्वीकार किया है। श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 'राग सिरी' (पृष्ठ 24) और 'राग तिलंग' (पृष्ठ 721) में गुरु नानक देव जी ने स्पष्ट रूप से कबीर साहेब के ईश्वरत्व का वर्णन किया है।
गुरु नानक देव जी ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब में स्पष्ट किया है कि उन्होंने स्वयं भी एक गुरु से दीक्षा ली थी, जिन्होंने उन्हें सच्चे मंत्र प्रदान किए थे। इन सच्चे मंत्रों के माध्यम से ही गुरु नानक देव जी को मोक्ष की प्राप्ति हुई। यह सिख धर्म के महत्वपूर्ण सिद्धांतों में से एक है कि बिना गुरु के सच्चे मंत्र प्राप्त नहीं हो सकते, और बिना सच्चे मंत्रों के मोक्ष असंभव है।
श्री गुरु ग्रंथ साहिब सिख धर्म का एक अद्वितीय ग्रंथ है जो ईश्वर के साकार रूप, मानव जीवन के उद्देश्य, और कबीर साहेब के संपूर्ण ईश्वरत्व के महत्व को उजागर करता है। यह ग्रंथ हमें सिखाता है कि सच्चे मंत्रों के माध्यम से ही हम ईश्वर की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और मोक्ष की ओर अग्रसर हो सकते हैं। गुरु नानक देव जी की शिक्षाएँ और कबीर साहेब की वाणी हमें ईश्वर के निकट ले जाती हैं और हमारे जीवन को सार्थक बनाती हैं।