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क्या ब्रह्मा विष्णु और शिव जन्म मृत्यु में हैं?

प्रश्न उत्तर / क्या ब्रह्मा विष्णु और शिव जन्म मृत्यु में हैं?

क्या ब्रह्मा विष्णु और शिव जन्म मृत्यु में हैं?

क्या ब्रह्मा, विष्णु और शिव जन्म और मृत्यु के चक्र में हैं?

पवित्र ग्रंथों और शास्त्रों में इस विषय पर कई महत्वपूर्ण संदर्भ मिलते हैं। श्रीमद देवी भागवत पुराण में विशेष रूप से यह स्पष्ट किया गया है कि भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान शिव जन्म और मृत्यु के चक्र में हैं। यह तथ्य हिंदू धर्म की पारंपरिक मान्यताओं के विपरीत प्रतीत हो सकता है, लेकिन पवित्र शास्त्रों का अध्ययन इस सत्य को उजागर करता है।

श्रीमद देवी भागवत पुराण का संदर्भ

श्रीमद देवी भागवत पुराण (स्कंध 3, पृष्ठ 123) में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि ब्रह्मा, विष्णु और शिव जन्म और मृत्यु के अधीन हैं।

तुम शुद्धस्वरूपा हो।  ये सारा संसार तुम्ही से उद्भासित हो रहा है। मैं ब्रह्मा और शंकर हम सब तुम्हारी कृपा से ही विधमान हैं।  हमारा आविर्भाव  और तिरोभाव हुआ करता है।  केवल तुम ही नित्य हो, जगतजननी हो, प्रकृति और सनातनी देवी हो। 

इसमें कहा गया है कि यह तीनों देवता देवी महाशक्ति की इच्छा से उत्पन्न होते हैं और उन्हीं की कृपा से इनकी शक्ति और अस्तित्व चलता है।

Shrimad Devi Bhagwad Puran

श्लोक के सारांश:

"ब्रह्मा, विष्णु और शिव, जो सृष्टि, पालन और संहार का कार्य करते हैं, वे स्वयं देवी महाशक्ति द्वारा सृजित हैं। वे जन्म लेते हैं और उनकी आयु समाप्त होने पर वे मृत्यु को प्राप्त होते हैं। यह चक्र अनवरत चलता रहता है।"

ब्रह्मा, विष्णु और शिव की आयु

शास्त्रों में इनकी आयु भी सीमित बताई गई है, जो यह सिद्ध करता है कि ये जन्म और मृत्यु के अधीन हैं।

  1. भगवान ब्रह्मा की आयु: 100 दिव्य वर्ष।
  2. भगवान विष्णु की आयु: ब्रह्मा की आयु का 7 गुना।
  3. भगवान शिव की आयु: विष्णु की आयु का 7 गुना।

इसका अर्थ है कि जब ब्रह्मा की आयु समाप्त होती है, तो भगवान विष्णु और भगवान शिव भी इस चक्र में प्रभावित होते हैं।

जन्म और मृत्यु के चक्र में क्यों हैं?

पवित्र ग्रंथों के अनुसार, ब्रह्मा, विष्णु और शिव का जन्म सृष्टि के संतुलन के लिए होता है।

  • ब्रह्मा: सृष्टि का निर्माण करते हैं।
  • विष्णु: सृष्टि का पालन करते हैं।
  • शिव: सृष्टि का संहार करते हैं।

लेकिन इनका अस्तित्व सृष्टि के संचालन तक ही सीमित है। जब सृष्टि का अंत होता है, तब ये तीनों देवता भी अपनी भूमिका समाप्त कर देते हैं।

श्रीमद भगवद गीता का समर्थन

श्रीमद भगवद गीता (अध्याय 2, श्लोक 12, अध्याय 4, श्लोक 5, 9, अध्याय 10, श्लोक 2) में भी इस बात का उल्लेख मिलता है कि भगवान विष्णु और अन्य देवताओं का भी जन्म और मृत्यु होता है। यह उनके नश्वर स्वरूप को दर्शाता है।

निष्कर्ष

श्रीमद देवी भागवत पुराण के अनुसार, भगवान ब्रह्मा, विष्णु और शिव जन्म और मृत्यु के चक्र में हैं। उनकी भूमिका देवी महाशक्ति के निर्देशन में सृष्टि के संचालन तक सीमित होती है। यह तथ्य यह बताता है कि वे पूर्ण परमात्मा नहीं हैं, बल्कि देवी महाशक्ति और सर्वोच्च सत्ता के अधीन हैं। इसलिए, उनके स्वरूप को समझते समय शास्त्रों के इस सत्य को ध्यान में रखना आवश्यक है।


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